बार बार चक्कर आना जानिए क्या हो सकता है कारण ।

 

दोस्तो बार-बार चक्कर आना (Dizziness) एक सामान्य समस्या है, लेकिन यह विभिन्न कारणों से हो सकता है। चक्कर आना या वर्टिगो (Vertigo) तब होता है जब आपको ऐसा महसूस होता है कि या तो आप घूम रहे हैं या आपके आसपास की चीजें घूम रही हैं। यह स्थिति बहुत असहज हो सकती है और व्यक्ति के जीवन को प्रभावित कर सकती है। आइए इस ब्लॉग में हम आपसे चक्कर आने के कारण, लक्षण, प्रकार और उपचार पर विस्तार से चर्चा करें।

 बार बार चक्कर आना जानिए क्या हो सकता है कारण  


 चक्कर आने के कारण 

1. आंतरिक कान (Inner Ear) के कारण

 वर्टिगो:   जब आंतरिक कान के संतुलन नियंत्रक (वेस्टिब्युलर सिस्टम) में कोई समस्या हो, तो व्यक्ति को चक्कर आ सकते हैं। इसे बेन्सियस पैरॉक्सिज़मल पोसिशनल वर्टिगो (BPPV) कहा जाता है।

मेनियर्स डिजीज:  यह एक कान की बीमारी है जिसमें कान के अंदर तरल पदार्थ का असंतुलन हो जाता है, जिससे चक्कर, सुनने में समस्या और कान में भड़कने जैसी समस्याएँ हो सकती हैं।

लैब्रिंथाइटिस:  यह संक्रमण आंतरिक कान में होता है, जो चक्कर और सुनने में समस्या पैदा कर सकता है।


2. लो ब्लड प्रेशर (Low Blood Pressure)

रक्तचाप का बहुत कम होना, खासकर खड़े होने पर, मस्तिष्क में रक्त प्रवाह को प्रभावित करता है, जिससे चक्कर आ सकते हैं।

3. हृदय संबंधी समस्याएँ (Heart Conditions)

अनियमित हृदय गति (Arrhythmia), हृदय रोग, हृदय वॉल्व की समस्या आदि के कारण रक्त प्रवाह में असंतुलन हो सकता है, जिससे मस्तिष्क में पर्याप्त ऑक्सीजन नहीं पहुँचती और चक्कर आ सकते हैं।

4. माइग्रेन (Migraine)

माइग्रेन के दौरे के दौरान सिर में तेज दर्द के साथ चक्कर आना एक सामान्य लक्षण हो सकता है। कभी-कभी, माइग्रेन के साथ वर्टिगो का अनुभव भी होता है।

5. एनीमिया (Anemia)

रक्त में आयरन की कमी होने से रक्त की कमी (Low Hemoglobin) हो जाती है, जिससे शरीर में ऊर्जा की कमी होती है, और यह चक्कर आने का कारण बन सकता है।

6. लो ब्लड शुगर (Hypoglycemia)

रक्त में शुगर की कमी होने से मस्तिष्क को पर्याप्त ऊर्जा नहीं मिल पाती है, जिससे चक्कर आ सकते हैं।

7. डिहाइड्रेशन (Dehydration)

शरीर में पानी की कमी होने से रक्तचाप गिर सकता है और सिर में चक्कर आने की समस्या हो सकती है।

8. दवाओं के प्रभाव (Medication Side Effects)

कुछ दवाएं जैसे एंटीहिस्टामाइन, स्लीपिंग पिल्स, उच्च रक्तचाप की दवाइयाँ आदि चक्कर आने का कारण बन सकती हैं।

9. मानसिक तनाव (Stress & Anxiety)

 अत्यधिक तनाव, चिंता, या अवसाद के कारण भी चक्कर आने की समस्या हो सकती है। यह मानसिक स्थिति शारीरिक लक्षण उत्पन्न कर सकती है, जिसमें चक्कर आना शामिल है।

10. वायरल या बैक्टीरियल संक्रमण (Viral/Bacterial Infection)

फ्लू, कोविड-19, साइनस इंफेक्शन आदि के कारण भी चक्कर आ सकते हैं।


 चक्कर आने के प्रकार 

1. वर्टिगो (Vertigo)

यह चक्कर आने का सबसे सामान्य प्रकार है, जिसमें आपको ऐसा महसूस होता है जैसे आपके आस-पास की चीजें घूम रही हैं या आप स्वयं घूम रहे हैं। यह आंतरिक कान या तंत्रिका तंत्र से संबंधित समस्याओं के कारण हो सकता है।

2. डिज़ाइनस (Dizziness)

इसमें व्यक्ति को सिर हल्का महसूस होता है और संतुलन बनाए रखना मुश्किल होता है। यह आमतौर पर रक्तचाप में कमी या मानसिक तनाव के कारण होता है।

3. लाइटहेडेडनेस (Lightheadedness)

इसमें व्यक्ति को बेहोशी का अहसास होता है, लेकिन वह गिरता नहीं है। यह रक्तचाप में कमी, डिहाइड्रेशन या एनीमिया के कारण हो सकता है।

4. सिंकोप (Syncope)

यह बेहोशी की स्थिति होती है, जहां व्यक्ति गिरने से पहले चक्कर महसूस करता है। यह अधिकतर लो ब्लड प्रेशर या हृदय संबंधी समस्याओं के कारण होता है।


 चक्कर आने के लक्षण 

1. चक्कर आना और असंतुलन

यह महसूस हो सकता है जैसे आप या आपका वातावरण घूम रहे हों।

चलने या खड़े होने में असंतुलन महसूस होना।

2. सिर हलका या भारी महसूस होना

कभी-कभी चक्कर आते समय सिर में हल्कापन या भारीपन महसूस हो सकता है।

3. बेहोशी या मतली

चक्कर के साथ आपको मतली या उल्टी का अनुभव हो सकता है।

4. दृष्टि में धुंधलापन

चक्कर के दौरान आंखों के सामने धुंधलापन या धुंधली दृष्टि हो सकती है।

5. पसीना आना और घबराहट

पसीना आना या घबराहट का एहसास हो सकता है, खासकर अगर चक्कर अचानक आए।

6. सांस में तकलीफ

चक्कर के दौरान कुछ लोगों को सांस लेने में भी दिक्कत हो सकती है।


 चक्कर आने के सामान्य कारण 

1. लो ब्लड प्रेशर (Hypotension)

अगर रक्तचाप कम हो, तो चक्कर आ सकते हैं।

2. वर्टिगो

यह एक स्थिति है जिसमें व्यक्ति को ऐसा लगता है कि चारों ओर सब कुछ घूम रहा है।

3. एनीमिया

 खून में आयरन की कमी से चक्कर आ सकते हैं।

4. डिहाइड्रेशन

पानी की कमी होने से शरीर में कमजोरी और चक्कर आ सकते हैं।

5. दवाइयों के साइड इफेक्ट्स

कुछ दवाइयों के कारण भी चक्कर आ सकते हैं।

6. मधुमेह (Diabetes)

रक्त शर्करा का असंतुलन भी चक्कर का कारण बन सकता है।

7. मस्तिष्क से संबंधित समस्याएं

मस्तिष्क या नसों से संबंधित समस्याएं भी चक्कर का कारण हो सकती हैं।


 चक्कर आने का उपचार 

1. वर्टिगो के लिए (Vertigo Treatment)

Epley Maneuver:    यह एक विशेष शारीरिक उपचार होता है, जिसका उपयोग आंतरिक कान के संतुलन को सुधारने के लिए किया जाता है, खासकर BPPV के लिए।

वेस्टिब्युलर रीहैबिलिटेशन थैरेपी:   यह आंतरिक कान और मस्तिष्क के संतुलन को सुधारने के लिए किया जाता है।

2. लो ब्लड प्रेशर का इलाज

रक्तचाप को सामान्य करने के लिए नमक का सेवन बढ़ाना, पानी पीना और आराम करना जरूरी होता है।

कभी-कभी डॉक्टर दवाइयाँ भी लिख सकते हैं।

3. माइग्रेन का इलाज

माइग्रेन के इलाज के लिए दर्द निवारक दवाएं और माइग्रेन-रोधी दवाएं दी जाती हैं।

स्वस्थ आहार, अच्छी नींद और मानसिक शांति भी माइग्रेन को नियंत्रित करने में मदद कर सकते हैं।

4. एनीमिया का इलाज

आयरन, विटामिन B12 और फोलिक एसिड के सप्लीमेंट्स का सेवन करना चाहिए। साथ ही, आहार में आयरन-युक्त खाद्य पदार्थों को शामिल करना चाहिए।

5. मानसिक तनाव और चिंता का इलाज

मानसिक स्वास्थ्य को सुधारने के लिए योग, ध्यान, और काउंसलिंग की मदद ली जा सकती है।

तनाव-प्रबंधन तकनीकों का अभ्यास करना भी फायदेमंद हो सकता है।

6. हृदय संबंधित समस्याओं का इलाज

अगर चक्कर हृदय संबंधी समस्याओं के कारण हो रहे हैं, तो ईसीजी, इकोकार्डियोग्राम आदि परीक्षण कराए जा सकते हैं।

हृदय संबंधित दवाएं या सर्जरी की आवश्यकता हो सकती है।

7. डिहाइड्रेशन का इलाज

शरीर में पानी की कमी को दूर करने के लिए इलेक्ट्रोलाइट्स और पर्याप्त पानी पीना चाहिए।

हाइड्रेटेड रहने के लिए जूस, नारियल पानी और सूप भी लाभकारी होते हैं।

8. दवाओं का समायोजन

यदि चक्कर दवाओं के कारण हो रहे हैं, तो डॉक्टर से परामर्श करके दवाओं में बदलाव कराया जा सकता है।


 कब डॉक्टर से संपर्क करें? 

अगर चक्कर बार-बार आ रहे हों।

अगर चक्कर के साथ सिरदर्द, धुंधली दृष्टि, या बोलने में कठिनाई हो।

अगर अचानक से चक्कर आकर बेहोशी की स्थिति हो।

अगर हृदय संबंधी लक्षण जैसे छाती में दर्द, दिल की अनियमित धड़कन हो।

अगर चक्कर के साथ शरीर के किसी हिस्से में सुन्नापन या कमजोरी हो।

चक्कर आना एक सामान्य समस्या हो सकती है, लेकिन अगर यह लगातार और गंभीर हो, तो इसका उपचार समय रहते किया जाना आवश्यक है। आपको अपने डॉक्टर से उचित परामर्श लेना चाहिए ताकि सही कारणों का पता चल सके और सही इलाज किया जा सके।


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